आज हम आपको हिमाचल प्रदेश में स्थित नगर डलहौजी (Dalhousie) की जानकारी देंगे। डलहौजी हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित एक हिल स्टेशन है। यहां का मौसम इतना सुहावना है कि इस जगह को देखते ही आपको प्यार हो जाएगा। अगर आप कुछ टाइम के लिए भीड़- भाड़ से दूर कोई खूबसूरत जगह जाना चाहते हैं तो यह आपके लिए बेस्ट जगह है। डलहौजी धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित एक बहुत ही खूबसूरत पर्यटक स्थल है। पर्वतों से गिरी इस जगह पर देखने को बहुत कुछ है। जिसका आनंद लेने के लिए आप डलहौजी पलैस घूमने-फिरने आ सकते हैं। और इसकी सुन्दरता को देखने का आनंद ले सकते हैं। डलहौजी सभी तरह के यात्रियों जैसे की एकल यात्रियों, परिवारों, दोस्तों, साथ ही कपल के लिए अच्छा विकल्प है। यह प्राचीन हिंदू मंदिरों, ब्रिटिश वास्तुकला, पारम्परिक हस्तशिल्प, कला और संस्कृति का खजाना है।डलहौज़ी हिमांचल प्रदेश की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगहों में से एक है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है।
डलहौजी

डलहौजी (Dalhousie) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के चम्बा जिले में स्थित एक नगर है। हिमाचल प्रदेश में स्थित नगर डलहौजी पलैस एक प्रसिद्ध पहाड़ी स्टेशन है। 19वीं शताब्दी में इसका नाम ब्रिटिश गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी के नाम पर रखा गया है। शहर की अलग-अलग ऊंचाई इसे विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों के साथ छांयाकिंत करती है । जिसमें देवदार, चीड़, ओक्स और फूलदार रोडोडेंड्रान के सुन्दर ग्रूव शामिल होते हैं। पश्चिमी हिमाचल प्रदेश में डलहौजी नाम का यह पर्वतीय स्थान पुरानी दुनिया की चीजों से भरा हुआ पड़ा है और यहां राजशाही युग की भव्यता बिखरी पड़ी है। और यहां काठ लोग, पात्रे, तेहरा, बकरोटा और बलूम नामक 5 पहाडियां है। इस कस्बे की ऊंचाई लगभग 525 मीटर से 2378 मीटर तक है। डलहौजी में मनमोहक उप -निवैश युगीन वास्तुकला है जिसमें कुछ सुन्दर गिरजाघर भी शामिल हैं। यह मैदानों के मनोरम दृश्यों को प्रस्तुत करने के साथ एक लंबी रजत रेखा के समान दिखाई देने वाले रावी नदी के साथ एक अद्भुत दृश्य प्रदर्शित करता है जो घूम कर डलहौज़ी के नीचे जाती है। बर्फ से ढका हुआ धोलाधार पर्वत भी इस कस्बे से साफ दिखाई देता है। अंग्रेजों ने इसे 1854 में इसे बसाया और विकसित किया था। यहां पर अंग्रेज सैनिक और नौकरशाह अपनी गर्मी की छुट्टियां बिताने आते थे। मनमोहक वादियों और पहाड़ों के अलावा यहां के अन्य आकर्षण प्राचीन मंदिर, चंबा और पांगी घाटी हैं। सड़क से डलहौज़ी दिल्ली से 555 किमी, चंबा से 45 किमी और निकटतम रेलवे पठानकोट से 85 किमी दूर है डलहौजी शहर 1854 में वाइसराय – लॉर्ड डलहौजी द्वारा स्थापित किया गया था, जो अंग्रेजो की गर्मी से बचने की खास जगह थी। शांतिपूर्ण जलवायु और सुखद मौसम होने की बजह से यह जगह अंग्रेजों के लिए छुट्टी का स्थान था। यहाँ पर आप भारत के ऐतिहासिक किले के बारे में भी पढ़ सकते हैं |
कैसे पहुंचें डलहौजी (Dalhousie)?
भारत के किसी भी कोने से डलहौजी पहुंचना बहुत ही आसान है। नई दिल्ली और चंबा के बीच सीधी बसें चलने से अधिकांश लोग बस से डलहौजी (Dalhousie) पहुंचते हैं। डलहौजी पहुंचने के तीन रास्ते है-
हवाई जहाज से-
निकटतम हवाई अड्डा पठानकोट में स्थित है। यह डलहौजी (Dalhousie) से 83 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पठानकोट से डलहौजी तक आपको बस या टैक्सी से सफर करना होगा। जिसमें 2 से 3 घंटे का समय लग सकता है।
ट्रेन से-
निकटतम रेलवे स्टेशन भी पठानकोट में है। नई दिल्ली से पठानकोट पहुंचने में 9 -10 घंटे लगते हैं। नई दिल्ली से पठानकोट तक की यात्रा का समय लगभग 9 घंटे हैं। और पठानकोट से डलहौजी तक आपको बस या टैक्सी से सफर करना पड़ेगा। इसमें आपको 2 से 3 घंटे तक का समय लग सकता है।
बस से-
डलहौजी (Dalhousie) विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ एक सड़क नेटवर्क है। बस के द्वारा पठानकोट से डलहौजी तक पहुंचने में लगभग 2 से 3 घंटे लगते हैं। डलहौजी के लिए एक सीधी बस आईएसबीटी कश्मीरी गेट, नई दिल्ली से चलती है।
डलहौजी में घूमने वाली 4 प्रमुख जगह-
● खजियार
● सतधारा झरना
● पंचपुला
● सुभाष बावली
1.खजियार (भारत का मिनी स्विट्जरलैंड)

यह जगह डलहौजी (Dalhousie) से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जिसे भारत के मिनी स्विट्जरलैंड के रूप में जाना जाता है । खजियार 6500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। और यज्ह प्राकृतिक सुंदरता व सुखद जलवायु से भरपूर है। यह चारों और से घनै देवदार वनों से आच्छादित है। इसमें पारिस्थितिक तंत्रौं का का एक दुर्लभ संयोग है- झील , चारागाह और जंगल। जिन्हें देखने का आप आनंद ले सकते हैं।
2.सतधारा झरना (डलहौजी हिमाचल प्रदेश)

सतधारा झरना चंबा घाटी में स्थित है,जो बर्फ से ढके पहाड़ों और घने देवदार के पेड़ों के मनोरम दृश्यों से घिरा हुआ है। ‘सतधारा’ का मतलब होता है, सात झरने, इस झरने का नाम सातधारा सात खूबसूरत झरनों के पानी के एक साथ मिलने के कारण से रखा गया है। इन झरनों का पानी समुद्र से 2036 मीटर ऊपर एक बिंदु पर मिलता है। यह जगह उन लोगों के लिए एक खास है जो शहर की भीड़-भाड़ वाली जिंदगी से दूर जाकर शांति का अनुभव करना चाहते हैं। सतधारा फाल्स अपने औषधीय गुणों की वजह से भी जाना जाता है। क्योंकि यहां के पानी में अभ्रक पाया जाता है, जिसमें त्वचा के रोगों को ठीक करने के गुण होतें है।
3.पंचपुला

पंचपुला हरे देवदार के वृक्षौं के आवरण से घिरा हुआ एक झरना है ।जो डलहौजी (Dalhousie) के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। पंचपुला वो जगह है जिसमें पाँच धाराएँ एक साथ आती हैं। पंचपुला की मुख्य धारा डलहौजी के आस- पास की विभिन्न प्रकार की जगहों में पानी की पूर्ति करती है। यह जगह ट्रेकिंग तथा अपने खूबसूरत दृश्यौं की वजहें से जानी जाती है। मॉनसून के मौसम में इस जगह के प्राचीन पानी का सबसे अच्छा आनंद लिया जाता है, जब पानी नीचे गिरता है तो यहां का वातावरण पर्यटकों को और भी आनंदित करता है।
4.सुभाष बावली

इस झरने का नाम स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र जी बोस के नाम पर रखा गया है। इसके बहते हुए झरनों के पीछे एक दिलचस्प तथ्य यह है कि इस झरने के पानी में विभिन्न प्रकार के औषधि गुण है जो कई स्वतंत्रता सेनानी को ठीक कर चुके है। इस प्रकृति के सौंदर्य से भरपूर स्थान से बर्फ से लतपत चोटियों का दृश्य बहुत ही खूबसूरत नजर आता है।
डलहौजी में घूमने का सही समय
वैसे तो आप डलहौजी (Dalhousie) की यात्रा कभी भी किसी भी समय कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सही समय में यात्रा करना चाहते हैं तो आप मार्च और जून के महीने में इस जगह की यात्रा कर सकते है। क्यों की मार्च और जून के महीने को इस स्थान के लिए काफी अच्छा माना जाता है। डलहौजी जो अपने शांतिपूर्ण वातावरण के लिए पुरे देश भर में जाना जाता है। तो यहां घूमने का आनंद ले।