हैलो दोस्तों आज मै आपको एक ऐसी रोमांचक जगह घुमाने ले जा रहा हूँ जहाँ की खूबसूरती प्रकृति का अनूठा उपहार है और उसे क्वीन ऑफ़ हिल (पहाड़ों की रानी ) कहा जाता है| और जहाँ से आप उगते हुए सूरज को देख सकते हैं और नेपाल में स्थित कंचनजंगा पर्वत वहां से कुछ ही दुरी पर नज़र आता है | दार्जीलिंग (Darjeeling) में उगते हुए सूरज को देखने के लिए हज़ारों की संख्या में पर्यटक आते रहते हैं | भारत के उत्तर पूर्व राज्यों का प्रकृति के प्रति प्रेम पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है |
भारत के उत्तर पूर्व राज्यों में सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन में से एक है दार्जीलिंग (Darjeeling) | फिर चाहे वो दार्जीलिंग की विश्व प्रसिद्ध चाय हो या फिर टॉय ट्रैन का आनंदमय सफर रोज लाखों लोगों को अपनी ओर खींचता है |तो चलिए आज हम आपको बताएँगे दार्जीलिंग का इतिहास , दार्जीलिंग कैसे जाएँ , और दार्जीलिंग कैसे पहुँचे |
दार्जीलिंग (Darjeeling)
हिमालय की गोद में बसा दार्जीलिंग किसी भी स्वर्ग से कम नहीं है | दार्जीलिंग भारत के पश्चिम बंगाल में स्थित है और यह अपनी विश्व प्रसिद्ध चाय के बागानों और टॉय ट्रैन के लिए जाना जाता है | दार्जीलिंग (Darjeeling) की टॉय ट्रैन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में नामचीन है | दार्जीलिंग के बारे में बताने के लिए बहुत कुछ है लेकिन मैं आपको जितना बताऊँ उतना कम है |
यहाँ पर आप उगते हुए सूरज और बर्फ से ढकी वादियाँ अपनी आँखों से देख सकते हैं और उनका लुफ्त उठा सकते हैं | यहाँ की टॉय ट्रैन आपको घने जंगल , पहाड़ियों से होते हुए आपको पुरे शहर के दर्शन करवाएगी जो वो बहुत ही मजेदार और रोमांचक होगा | दार्जीलिंग में ऐसी बहुत सारी जगह हैं जहाँ पर आप घूम सकते हैं और प्रकृति का आनंद ले सकते हैं | जैसे ;टाइगर हिल , घूम मठ और चाय बागान आदि |
दार्जीलिंग का इतिहास
अगर बात करें की दार्जीलिंग का इतिहास क्या है और क्यों यह एक पर्यटन स्थल के रूप में विराजमान है | इस जगह की खोज आंग्ल नेपाल युद्ध के दौरान हुई थी | रणनीतिक रूप से ब्रिटिश सेना के लिए जल्दी सिक्किम पहुँचना इसी रास्ते से मुमकिन था | पहले दार्जीलिंग (Darjeeling) पर सिक्किम और नेपाल राज किया करते थे लेकिन फिर बाद में ब्रिटिश ने इसे अपने कब्ज़े में ले लिया | और यहाँ का बर्फीला मौसम और प्राकृतिक रूप से संपन्न होने के कारण अंग्रेज़ यहाँ के मुरीद हो गए थे | और अंग्रेज़ धीरे धीरे यहॉँ बसने लग गए थे |
यहाँ पर अक्टूबर से मार्च तक ठण्ड रहती है और यहाँ सर्दी अपने उच्च स्तर पर होती है | लेकिन गर्मी अप्रैल से लेकर जून तक होती है जिसमें मौसम हल्का ठंडा होता है और पर्यटकों के लिए यह मौसम बेहतरीन होता है | और दार्जीलिंग पश्चिम बंगाल में स्तिथ है और अगर आप भारत के नक़्शे पर एक नज़र डालेंगे तो पता चलेगा की यह पूरा क्षेत्र त्रिभुजाकार है और इसका उत्तरी भाग नेपाल और सिक्किम से सटा हुआ है |
दार्जीलिंग कैसे जाएँ ?
अब बात करते हैं कि दार्जीलिंग (Darjeeling) कैसे जाएँ या कैसे पहुँचे |दार्जीलिंग जाने के लिए आप ट्रैन मार्ग , सड़क मार्ग , और वायु मार्ग में से किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं | अगर आप अपने चारों ओर शांत वातावरण , हरियाली और घने जंगल महसूस करना चाहते हैं तो दार्जीलिंग (Queen of Hills ) जरूर घूमने जाएँ |
सड़क मार्ग : अगर आप सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो आप अपने शहर से कोलकाता जा सकते हैं क्योंकि सिलीगुड़ी कलकत्ता से सीधे सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है और दार्जीलिंग (Darjeeling) सिलीगुड़ी से मात्र 2 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है |
रेल मार्ग : लेकिन अगर आपके पास अपना निजी वाहन नहीं है तो आप ट्रैन से भी जा सकते है | दार्जीलिंग के सबसे नजदीक न्यू जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी रेलवे स्टेशन है जहाँ पर आप जा सकते हैं | न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से दार्जीलिंग की दुरी मात्र 75 किलोमीटर है | अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आप राजधानी एक्सप्रेस का सफर तय कर सकते हैं |
वायु मार्ग : यह स्थान सिर्फ सड़क मार्ग से ही नहीं बल्कि वायु मार्ग से भी घिरा हुआ है | दार्जीलिंग के सबसे नजदीक एयरपोर्ट बागडोगरा है और बागडोगरा एयरपोर्ट से रोजाना दिल्ली , मुंबई और बड़े बड़े शहरों के लिए फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध है |
अब आप दार्जीलिंग की यात्रा पर जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए हैं लेकिन आपको दार्जीलिंग की यात्रा पर बहुत सारी चीजों की जरुरत पड़ेगी | उसके लिए आप इस लिंक पर क्लिक करके भी ऑनलाइन सामान घर बैठे खरीद सकते हैं |
दार्जीलिंग कब जाना चाहिए ?
आइये अब जानते हैं की हमें दार्जीलिंग में कब घूमने जाना चाहिए | दार्जीलिंग (Darjeeling) में अक्टूबर से लेकर मार्च तक ठण्ड रहती है और अप्रैल से लेकर जून तक गर्मी होती है और दार्जीलिंग का मौसम गर्मी से राहत , मन को शांत और प्राकृतिक छटा बिखेरने वाला होता है|और दार्जीलिंग में सबसे अच्छा घूमने का समय अप्रैल से लेकर जून तक होता है जब भारत के अन्य राज्यों में गर्मी अपने स्तर पर होती है तब वहाँ पर तापमान 14 से 15 डिग्री ही होता है| वैसे तो दार्जीलिंग (Darjeeling) में आप 12 महीने घूमने जा सकते हैं जनवरी और फ़रबरी में कपल्स यहाँ हनीमून मनाने आते हैं |
इन्हे भी पढ़े :
- 7 Best Places to Visit in Uttar Pradesh | उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं धार्मिक स्थल
- Kainchi Dham: चमत्कारों से भरा मंदिर और बाबा नीम करौरी के आश्रम कैसे जाएँ |
दार्जीलिंग में घूमने के लिए प्रसिद्ध जगह
दार्जीलिंग पूरी तरह पहाड़ों से घिरा हुआ है और इसे इसलिए क्वीन ऑफ़ हिल्स (Queen Of Hills) कहा जाता हैं | यहाँ जगह अंग्रेज़ो को काफी पसंद आ गयी थी और इसलिए आपको यहाँ पर औपनिवेशिक काल की इमारतें भी देखने को मिल जाएँगी | यहाँ आप चाय के बागान और राष्ट्रीय पार्क भी देखने को मिलेंगे | यहाँ की टॉय ट्रैन आपको और भी आनंदित कर देगी जो इस शहर में आने वाले पर्यटकों को और भी आकर्षित करता है | आइये जानते हैं कि दार्जीलिंग (Darjeeling) में ऐसी और कौन सी जगह हैं जहाँ आप घूम सकते हैं |
टाइगर हिल (Darjeeling Tiger Hill )
टाइगर हिल वो स्थान है जहाँ से आप Sunrise (उगते हुए सूरज ) को देख सकते हैं | और यह चोटी दार्जीलिंग से सिर्फ 10 किलोमीटर दुरी पर स्तिथ है जो कि दार्जीलिंग के कंचनजंगा के बाद दूसरी सबसे विशालतम चोटी है | इस चोटी सूर्य आपको बहुत ही नजदीक पर महसूस होगा जैसे की आपसे बिल्कुल पास हो | इस उगते हुए सूरज को देखने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक इसका लुफ्त उठाने आते है | और टाइगर हिल को चढ़ने में आपको करीब 1 घंटे समय लग सकता है |
टॉय ट्रैन
दार्जीलिंग की आन बान और शान कही जाने वाली टॉय ट्रैन एक 2 फुट चौड़े रेलवे ट्रैक पर चलती है और रोजाना न जाने कितने पर्यटकों को अपनी गोद में बिठाकर सिलीगुड़ी से जलपाईगुड़ी होते हुए पुरे दार्जीलिंग (Darjeeling) की हरयाली और प्राकृतिक मनोरम दृश्यों के दर्शन कराती है | यह ट्रैन किसी भी फ़िल्मी सीन से कम नहीं है इसलिए अगर आप दार्जीलिंग जा रहे हैं तो इस टॉय ट्रैन में घूमना न भूले |
जैपनीज़ पीज पैगोडा
जैपनीज़ पीस पैगोडा दार्जीलिंग में स्तिथ एक शांति स्तूप है जो पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण केंद्र है |जो जालपहाड की ढलान पर स्तिथ है |और इसमें बौद्ध मंदिर भी मौजूद है | जिसमें गौतम बुद्ध की कहानियाँ भी दर्शाती हैं|
बटासिया लूप
बटासिया लूप गोरखा सैनिकों की याद में बनाया गया है और यह एक युद्ध स्मारक के रूप में स्तिथ है | यह लूप सुन्दर फूल बगीचों के बीचों बीच मौजूद है | और दार्जीलिंग ट्रैन बटासिया लूप के नीचे से सुरंग द्वारा पास होती है बटासिया लूप पहाड़ियों , सुन्दर दृश्यों , बर्फीले पर्वत का जीवत दृश्य प्रदान करता है | यह क्षेत्र इंजीनिरिंग नमूने का अद्भुत उदारण है|
हैप्पी वैली
दार्जीलिंग (Darjeeling) जाएँ और वहां की चाय का स्वाद नहीं लें तो वहाँ जाने का हमारा उद्देश्य पूरा नहीं होगा | क्योंकि दार्जीलिंग अपनी चाय के लिए विश्व प्रसिद्ध है इसमें सबसे खूबसूरत जगह हैप्पी वैली टी स्टेट है जहाँ आप लोगों को पीठ पर टोकरी लाधे हुए पत्तियाँ तोड़ते हुए देख सकते हैं | चाय बागान ऐसी जगह है जो हर किसी पर्यटक का मन मोह लेती है |
दार्जीलिंग के बारे में हमने आपको बताने का एक छोटा सा प्रयास किया है अगर आपको हमारे द्वारा किया गया प्रयास पसंद आया हो और आपको दार्जीलिंग कैसा लगा और दार्जीलिंग की कौन सी जगह आपको सबसे अच्छी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ |
One Response