उत्तराखंड भारत के उन पर्यटन स्थलों में से एक है जहाँ पर रोजाना की संख्या में  लोग घूमने और मंदिरो , गुरुद्वारों के दर्शन के लिए आते हैं |आज हम आपको उत्तराखण्ड के हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) गुरूद्वारे के बारे में बता रहे हैं जो कि पर्यटन स्थल होने के साथ -2  सांस्कृतिक महत्त्व भी रखता है | लोग उत्तराखंड की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को देखना पसंद करते हैं |   जहाँ पर हर तरह के धर्म के लोग आते हैं|  वैसे तो यह सिक्खों का एक पवित्र धाम  है | यहाँ पर 24 घंटे लंगर खिलाया जाता है | और हर तरह की व्यवस्था यहाँ पर की गई है ताकि पर्यटक को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े |

हेमकुंड साहिब की यात्रा

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Image Source: Google(Hello Tricity)

हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) उत्तराखंड के गढ़वाल में स्तिथ एक पवित्र धाम है यह उत्तराखंड के हिमालय में 15000 फुट पर सात बर्फीली पहाड़ियों से घिरा हुआ है सातों पहाड़ों पर निशान साहिब झूलते है | हेमकुंड एक संस्कृत नाम है जिसका अर्थ होता है हेम (बर्फ ) और कुंड (कटोरा ) यानि बर्फ का कटोरा |  इस धार्मिक स्थल में आपको चारों तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई देगी और बर्फ की ये ऊँची चोटियाँ आपकी यात्रा को और भी मनोरंजक बना देती हैं | फूलों की घाटी पर्यटन स्थल भी यही पर मौजूद है | गोविंदघाट से श्री हेमकुंड साहिब के बीच एक नदी पड़ती है जिसका नाम है लक्ष्मण  गंगा और यह नदी बाद में अलकनंदा  में मिल जाती है | अगर आप कभी हेमकुंड साहिब घूमने जाएँ तो फूलों की घाटी भी अवश्य घूमने जाएँ |श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) सिक्खो के दसवें गुरु थे और इस स्थान को उनके तपस्या स्थल के रूप में जाना जाता है|  और इसे सिख तीर्थ यात्राओं में सबसे कठिन माना जाता है | और हर साल लाखो श्रद्धालु यहाँ पर घूमने लिए आते हैं | इसके आसपास झील और सात आठ पहाड़ियां  स्तिथ हैं जिन्हे लोग “लोकपाल” के नाम से जानते हैं | जिसका मतलब होता है लोगों का निर्वाहक | श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है और यह देश के सबसे महत्वपूर्ण और सुंदर गुरुद्वारों में से एक है|

हेमकुंड साहिब की यात्रा  कैसे करें ?

अगर आप श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले ऋषिकेश जाना पड़ेगा उसके बाद आपको ऋषिकेश से करीब तीन सौ किलोमीटर दूर गोविंदघाट का सफर तय करना पड़ेगा  जो कि  बहुत ही रोमांचक होगा |  क्योंकि ऋषिकेश से गोविंदघाट के यात्रा के बीच में सबसे पहले देव प्रयाग पड़ता है जहाँ पर अलकनंदा और भागीरथी नदी आपस में मिल जाती है और गंगा नदी बनकर आगे बहती है | उसके बाद आप कर्ण प्रयाग और विष्णु प्रयाग होते हुए गोविंदघाट पहुँचते हैं | रास्ते में आपको किसी भी तरह की समस्या का सामना न  करना पड़े  इसके लिए हेमकुंड साहिब ट्रस्ट द्वारा यात्रियों को लंगर और आराम करने के व्यवस्था की है |  फिर आराम करने के बाद  आपको गोविन्द घाट से गोविंद धाम तक का सफ़र तय करना होता है जिसे आप पैदल या फिर घोडे की मदद से तय कर सकते हैं लेकिन गोविंदधाम के बाद 4 -5 किलोमीटर  का ग्लेसियर आपको पैदल  ही पार करना होता है। अगर आप उत्तराखंड के और भी पर्यटन स्थलों पर घूमना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर आपको सभी पर्यटन स्थानों के बारे में बताया गया है | नैनीताल (झीलों का शहर ) और अल्मोड़ा भी आप घूम सकते हैं और ये बहुत ही आकर्षक और मनोरंजक स्थान है जहाँ रोज बहुत सारे लोग छुट्टियां मनाने अपने परिवार के साथ आते है |

कैसे पहुँचे हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib)?

मुझे मालूम है कि अब तक आपने श्री हेमकुंड साहिब जाने का मन बना लिया होगा लेकिन आप हेमकुंड साहिब कैसे पहुंचेंगे इसकी भी जानकारी पढ़ लीजिए | तो हम आपको बता रहे हैं कि आप हेमकुंड साहिब पवित्र धाम कैसे पहुँच सकते हैं  | आप हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) की यात्रा रेल और हवाई  जहाज द्वारा तय कर सकते हैं इसके सबसे नजदीक ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है और देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट भी है |

रेल मार्ग : अगर आप रेल से जाना चाहते हैं तो हेमकुंड साहिब के सबसे नजदीक सिर्फ ऋषिकेश रेलवे स्टेशन ही है जो की गोविंदघाट से लगभग 273 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है | फिर ऋषिकेश से आप बस , या टैक्सी  के जरिए  विष्णु प्रयाग होते हुए गोविंदघाट पहुँच जाएंगे |

हवाई जहाज : अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो आपको जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून ) जाना पड़ेगा यहाँ से गोविंदघाट की दूरी भी लगभग 292 किलोमीटर है और आप यहाँ से बस के द्वारा आराम से गोविंदघाट पहुँच सकते हैं |

श्री हेमकुंड साहिब कब जाएँ ?

अगर आप हेमकुंड साहिब जाना चाहते हैं तो आपको मालूम होना चाहिए की आप कब  हेमकुंड साहिब  हैं | हेमकुंड  साहिब आप केवल मई से अक्टूबर बीच में ही जा सकते हैं उसके बाद हेमकुंड साहिब की यात्रा बंद कर दी जाती है | हेमकुंड साहिब(Hemkund Sahib) की यात्रा के दौरान आप बर्फ से ढके पहाड़ों और प्रकृति के खूबसूरत परिवेश को देख सकते हैं | हेमकुंड साहिब आपको ट्रैकिंग करते हुए जाना पड़ता है  और हेमकुंड साहिब एक पवित्र तीर्थस्थल ही नहीं बल्कि एक शानदार ट्रैकिंग डेस्टिनेशन भी है | और आप यहाँ पर ट्रैकिंग का भी मज़ा उठा सकते हैं |

श्री हेमकुंड साहिब के दर्शनीय स्थल

अब हम आपको श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) के साथ – साथ उनके आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे में बताएंगे जो कि बहुत ही सुंदर और आकर्षक हैं |

गोविंदधाम

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मैंने आपको ऊपर बताया था कि श्री हेमकुंड साहिब जाते समय बीच में गोविंदधाम पड़ता है यह बहुत ही आकर्षक है जो की पर्यटक को अपनी और आकर्षित करता है और इसे वहाँ के लोग घांघरिया के रूप में जानते हैं |

लक्ष्मण मंदिर

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लक्षमण मंदिर हेमकुंड झील  के पास बना एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थान है जो की परुषोत्तम श्री राम के छोटे भाई श्री लक्ष्मण को सम्पर्पित है | माना जाता है की यहाँ पर श्री लक्ष्मण ने तपस्या की थी | तभी से इसका नाम लक्ष्मण मंदिर पड़  गया|

फूलों  की घाटी राष्ट्रीय उद्यान

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हेमकुंड साहिब(Hemkund Sahib) के आसपास बसे सुन्दर और आकर्षक स्थानो में से एक है  फूलों  की घाटी राष्ट्रीय उद्यान | और यह पश्चिमी हिमालय में स्तिथ एक प्राकृतिक और सुंदर स्थान है |  इसको 2005 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में भी शामिल कर दिया गया | यह फूलों की घास  के लिए जाना जाता है |

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान

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नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान धरती से 7817 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ एक मनोरम और बहुत ही सुन्दर राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है | और श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) का आकर्षण केंद्र भी है  | और यह उद्यान फूलों की घाटी के साथ मिलकर नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व बनाते हैं | और यह उद्यान 630 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है |

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