आज हम आपको चमत्कारों से भरा मंदिर Kainchi Dham के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके मात्र दर्शन से लोगों के बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और उनके दर्शन करने लोग देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी आते हैं | जिन्हे दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी Apple के फाउंडर Steve Jobs और फेसबुक के CEO मार्क ज़ुकरबर्ग अपना गुरु मानते हैं इससे आपको थोड़ा सा अंदाज़ा जरूर हो गया होगा की मैं आज किस जगह के बारे में आपको बताने जा रहा हूँ |

और यह जगह किसी भी चमत्कार से कम नहीं है और इसके पास से शिप्रा नदी निकलती है | हम आपको बताने जा रहे हैं कैंची धाम (Kainchi Dham) बाबा नीम करौरी मंदिर के बारे में | हम आपको अद्भुत बाबा का लक्ष्मीनारायण जी शर्मा से बाबा नीम करौरी महाराज बनने का पूरा सफर इस ब्लॉग में बताएँगे और आप वहाँ कैसे जा सकते है , कब वहां जाना चाहिए , उस जगह का ऐतिहासिक महत्व क्या है , और उसके आस पास घूमने वाले सभी शानदार जगह के बारे में पूरी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे |

कौन है नीम करौरी बाबा (Kainchi Dham Temple)

बाबा नीम करोली के बारे में मैंने पहले भी बहुत कुछ सुना हुआ था और मैंने कुछ जानकारी इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त की | आखिर कैसे कोई व्यक्ति एक चलती हुई ट्रैन को रोक सकता है और कैसे बिना कहे किसी की भी मन की बातों को पढ़ सकता है और जो भी व्यक्ति उसके पास आया और आगे चलकर दुनिया भर में प्रसिद्द हो गया | महाराज जी एक बहुत ही साधारण व्यक्तित्व वाले थे सादगी से ही किसी को भी प्रसन्न कर देते थे | उनके जीवनकाल के दौरान कई चमत्कार उन्होंने किये जिन्हे देखकर दुनिया भर के लोग आश्चर्यचकित हैं और महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कैंची धाम आते रहते हैं |

महाराज जी का बचपन का नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था और उनका जन्म फ़िरोज़ाबाद जिले के अकबरपुर गांव उत्तर प्रदेश में 11 नवंबर 1900 में हुआ था | और 11 वर्ष की छोटी आयु में उनका विवाह हो गया |और साल 1958 में उन्होंने घर त्याग दिया |और घर त्यागने के बाद अन्य साधुओं की तरह पुरे उत्तर भारत में विचरण करने लगे | बाबा बन जाने के कारण लोग उन्हें कई और नामों से पुकारने लगे जैसे ; लक्ष्मण दास , हांड़ी वाले बाबा आदि


एक बार बाबा फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट में सफर कर रहे थे और उसी दौरान एक टिकट निरीक्षक आया और उसने बाबा को अपमानित किया और अगली स्टेशन नीम करौरी उतार दिया , बाबा थोड़ी दूर जाकर एक जगह बैठ गए | और फिर गार्ड ने हरी झंडी दिखाई परंतु ट्रैन चालू नहीं हुई चालक और गार्ड के पसीने छूट गए थे बहुत प्रयास करने के बाद चालक ने ऑफिसर को बाबा से माफ़ी मांगने को कहा और टिकट निरीक्षक ने बाबा से माफ़ी मांगी और कहा कि आप ट्रैन में बैठ जाइये , बाबा के ट्रैन में बैठते ही ट्रैन चालू हो गई |

उस स्टेशन का नाम नीम करौरी था इसलिए बाबा का तभी से नीम करौरी पड़ गया | और बाबा कई दिनों तक उसी गांव में रहे थे |और एक बार प्रधानमंत्री मोदी फेसबुक हेडक्वार्टर में थे तब फेसबुक CEO मार्क ज़ुकरबर्ग ने बताया की कैसे भारत में स्थित कैंची धाम उनके लिए उल्लेखनीय साबित हुआ |

कैंची धाम नीम करौरी मंदिर कहाँ पर है?

Kainchi Dham

कैंची धाम (Kainchi Dham) बाबा नीम करौरी आश्रम नैनीताल , अल्मोड़ा रोड पर नैनीताल से 17 किलोमीटर और भवाली किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है | इसी तीर्थ स्थल को नीम करौरी मंदिर भी कहा है | और इसका आकार कैंची जैसा होने के कारण इसे कैंची धाम  कहते हैं | हर साल 15 जून विशाल मेले आयोजन होता है जिसमे लाखो श्रद्धालु भाग लेते हैं और बाबा नीम करौरी के मंदिर के दर्शन करके जाते हैं | कैंची धाम (Kainchi Dham) में आपको तीन मंदिर देखने को मिलेंगे जिसमें एक हनुमान जी का , एक में श्री राम और दुर्गा माता का और तीसरा बाबा नीम करौरी महाराज का | बाबा नीम करौरी को हनुमान जी का अवतार माना जाता है |

कैंची धाम नीम करौरी मंदिर कैसे जाएँ ?

अब बात करते हैं कि आप अगर कैंची धाम जाना चाहते हैं तो कैसे जा सकते हैं | आप कैंची धाम (Kainchi Dham) बाबा नीम करौरी मंदिर सड़क मार्ग , वायु मार्ग , और रेल मार्ग से भी जा सकते हैं | अगर आप भक्ति और प्रकृति का आनंद एक साथ लेना चाहते हैं तो एक बार कैंची धाम जरूर जाएँ |

वायु मार्ग : अगर आप वायु मार्ग से कैंची धाम जाना चाहते हैं तो आप पंतनगर एयरपोर्ट तक सकते हैं और उसके बाद आपको वहां से टैक्सी या बस से कैंची धाम पहुँच सकते हैं | कैंची धाम (Kainchi Dham) से पंतनगर एयरपोर्ट 71 किलोमीटर की दुरी पर है|

रेल मार्ग : और अगर आप दिल्ली या फिर उत्तर भारत के किसी राज्य में रहते हैं तो आप रेल से ही जाना पसंद करेंगे | अगर आप रेल से जाना चाहते हैं तो आपको काठगोदाम रेलवे स्टेशन तक जाना होगा क्योंकि कैंची धाम (Kainchi Dham)सबसे पास यही एक रेलवे स्टेशन है | काठगोदाम रेलवे स्टेशन Kainchi Dham से मात्र 45 किलोमीटर की दुरी पर है |

Kainchi Dham

सड़क मार्ग : अगर आप का मन बस से जाने का कर रहा है तो आप बस से भी जा सकते हैं और बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पर कैंची धाम स्तिथ है | इसके लिए आपको अल्मोड़ा वाली बस में बैठना होगा |

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कैंची धाम नीम करौरी मंदिर कब जाना चाहिए ?

Kainchi Dham

अगर बात करें की नीम करौरी मंदिर कब जाना चाहिए | कैंची धाम (Kainchi Dham) नीम करौरी मंदिर आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अगर सही समय पर मंदिर पहुँचा जाए तो और भी शुभ होता है | हर साल 15 जून को कैंची धाम पर विशाल मेले का आयोजन होता है जिसमें बहुत बड़ा भंडारा भक्तो के लिए किया जाता है इसलिए अगर आप 10 से 15 जून के बीच में जाएं तो आपको मंदिर की एक अलग खूबसूरती और दृश्य देखने को मिलेंगे |

उत्तराखंड में कैंची धाम  की  स्थापना किसने की ?

बाबा ने कैंची धाम (Kainchi Dham) आश्रम की स्थापना 1964 में की लेकिन महाराज पहली बार नैनीताल की पावन धरती पर 1961 अपने एक मित्र पूर्णानंद के साथ में आए थे | और उन्होंने यहीं पर आश्रम बनाने का विचार बना लिया था | नीम करौरी आश्रम भुवाली से 7 किलोमीटर दूर स्तिथ है, और नैनीताल से 17 किलोमीटर दूर |

दिल्ली से कैंची धाम कैसे पहुँचे ?

अगर आप दिल्ली में रहते हैं और कैंची धाम (Kainchi Dham) जाना चाहते हैं तो आप रेल मार्ग और सड़क मार्ग किसी से भी जा सकते हैं | दिल्ली से कई ट्रैन हैं जिनकी टिकट आप बुक कर सकते हैं | और अगर आप कैंची धाम के साथ साथ नैनीताल घूमना चाहते हैं तो होटल में ठहरने के लिए की मदद से बुक कर सकते हैं और वो भी काम दामों पर |

देवभूमि उत्तराखंड में स्थित बाबा नीम करौरी धाम पहुँचे क्रिकेटर विराट कोहली (Virat Kohli )

टी-20 वर्ल्ड कप समाप्त होने के बाद विराट कोहली पत्नी अनुष्का शर्मा और बेटी वामिका के साथ देवभूमि उत्तराखंड पहुँचे और बाबा नीम करौरी बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया | कैंची धाम (Kainchi Dhma) में सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इस चमत्कारी मंदिर को देखने आते हैं | विराट की पत्नी अनुष्का उत्तराखण्ड की ही रहने वाली हैं और उनकी बाबा नीम करौरी महाराज में बहुत अधिक श्रद्धा है | अनुष्का शर्मा का बचपन यहीं पर बीता है | एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ जब विराट कोहली ने अपने करियर में टी 20 का पहला शतक जड़ा था तब अनुष्का शर्मा इंस्टाग्राम पर बाबा नीम करौरी महाराज की तस्वीर भी शेयर की थी | विराट कोहली से पहले एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स और फेसबुक के CEO मार्क जुकेरबर्ग भी बाबा के चमत्कार को नमन कर चुके हैं | प्रति वर्ष 15 जून को मंदिर में विशाल मेले व भंडारे का आयोजन किया जाता है | क्योंकि इसी दिन 15 जून 1964 को नीम करौरी बाबा ने इस आश्रम की नींव रखी थी | 

नैनीताल (झीलों का शहर) के दर्शनीय स्थल /Nainital me ghumne ki jagah

अगर आप कैंची धाम के अलावा नैनीताल भी घूमना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं की नैनीताल (झीलों का शहर ) में कौन कौन सी जगह घूम सकते हैं |अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जरूर शेयर करें और कैंची धाम जरूर जाएँ आपके मन को शांति मिलेगी और एक आपके दुःख भी दूर हो जाएँगे |

 

 

9 Responses

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