घूमना- फिरना किसे पसंद नहीं और अगर ये सैर पहाड़ों की हो तो क्या कहने। पहाड़ों की ऊंचाइयों से नीचे दिखते पेड़- पौधे, नदियां और झरने धरती पर स्वर्ग का एहसास दिलाते है। यूं तो देश में कई हिल स्टेशन हैं लेकिन इन सब में मेघालय (Meghalaya) अपने पहाड़ और प्राकृतिक सुंदरता के साथ- साथ अपने ऊँचे झरने और उमंगोट नदी के कारण विश्व प्रसिद्ध है |भारत में पर्यटकों द्वारा सबसे अधिक पसंद किये जाने वाला पर्यटन स्थल मेघालय है |
पुरे देश भर में मेघालय में ही सबसे अधिक बारिश होती है और यहाँ आपको ऊँचे ऊँचे पहाड़ , झरने , झीले देखने को मिलेंगी जो आपकी यात्रा को और भी शानदार बना देंगी |क्या आपको मालूम है मेघालय को पूर्वी भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर आपको स्कॉटलैंड जैसा अनुभव प्राप्त होता है | अगर आप भी हमारे साथ मेघालय की खूबसूरत वादियों का मज़ा लेना चाहते हैं तो चलिए मेघालय की अद्भुत यात्रा | इस लेख में हम आपको,मेघालय का इतिहास ,मेघालय की टूरिस्ट प्लेस , मेघालय आप कैसे जा सकते हैं ,और मेघालय के प्रसिद्ध भोजन कौन कौन से हैं |
मेघालय – A Trip to Meghalaya
मेघालय की राजधानी शिलांग देश में स्थित सबसे खूबसूरत Hill stations में से एक हैं। यहां चारों ओर हरे पेड़ों के जंगल और ऊंची-ऊंची पहाड़ियां है। मेघों के प्रदेश मेघालय में बादलों से बनने वाली कलाकृतियों से यह प्रदेश और भी सुंदर दिखता हैं। यहां का मौसम बहुत ही मनोरम और सुहावना होता हैं। यहां घूमने के लिए कई Tourist Places हैं। शिलांग को “Scotland of the East” भी कहा जाता है।
अगर मेघालय का भोगौलिक परिदृश्य देखा जाए तो मेघालय कुल 22 ,500 SQ. किलोमीटर में फैला हुआ है और इसकी कुल जनसँख्या 32 लाख 11 हज़ार है | भारत में हर प्रदेश की अपनी एक अलग पहचान है और वो पहचान उस प्रदेश की वेशभूषा , पहनावा और संस्कृति से होती है | इसी तरह मेघालय में पुरुषों की पारंपरिक वेशभूषा को “Long Cloth ” कहा जाता है और महिलाओं की पारंपरिक वेशभूषा को “Jainsen” कहा जाता है | यह भारत की सात पूर्वी बहनों में से एक है जिसका प्रसिद्ध लोक नृत्य नोंगक्रेम नृत्य है | मेघालय (Meghalaya) दक्षिण में बांग्लादेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी साझा करता है |
किसी ने क्या खूब कहा है
“यहाँ खुशबू है वादियों में”
“यहाँ खुशबू है लोगों के किरदारों में” |
मेघालय का इतिहास | History of Meghalaya
21 जनवरी 1972 को असम की दो जिले खासी और जयंती हिल्स को मिलाकर मेघालय का गठन कर दिया गया और भारत में 37 वीं विधानसभा के रूप में एक नए राज्य का उदय हुआ | लार्ड कर्जन द्वारा जब 1905 में बंगाल का विभाजन किया गया तो मेघालय पूर्वी बंगाल + असम का भाग बना | लेकिन विभाजन पलट दिए जाने पर सन 1912 में मेघालय पूरी तरह असम का भाग बन गया | मेघालय में गारो , खासी और जयंती जनजातियाँ पाई जाती हैं | 1972 में खासी और जयंती हिल्स को असम से मेघालय में मिला दिया गया था |
मेघालय की राजधानी क्या है ?
भारत के पूर्व में सात राज्य हैं जिनमें में मेघालय भी आता है और इसकी राजधानी शिलोंग है जिसे पूर्वी भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है | मेघालय (Meghalaya) में कई सारे टूरिस्ट प्लेस है जिनके बारे में आपको नीचे बताया गया है |
मेघालय कैसे जाएँ ?
अगर आप मेघालय की यात्रा करना चाहते हैं तो आप मेघालय कैसे पहुँच सकते हैं | मेघालय पहुँचने के लिए आप दो तरह से जा सकते हैं पहला राजधानी शिलॉंग और दूसरा गुवाहटी | शिलॉंग से गुवाहाटी लगभग 100 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | आप मेघालय (Meghalaya) पहुँचने के लिए सड़क मार्ग , रेल मार्ग या हवाई मार्ग का उपयोग कर सकते हैं |
सड़क मार्ग : अगर आप सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो भी आपको गुवाहाटी से होकर जाना पड़ेगा | वैसे तो गुवाहाटी से शिलॉंग की दूरी मात्र 100 किलोमीटर है और गुवाहाटी राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा शिलॉंग से जुड़ा हुआ है | गुवाहाटी सड़क , रेल और हवाई मार्ग द्वारा पूरे देश से जुड़ा हुआ है और देश के किसी भी कोने से आप आसानी से गुवाहाटी पहुँच सकते हैं |
रेल मार्ग : यदि आपको सफर का भरपूर आनंद उठाना है तो रेल की यात्रा आपके लिए सबसे बेहतरीन होगी | क्योंकि मैं तो कहीं घूमने जाने के लिए रेल की यात्रा करता हूँ | रेल मार्ग से जाने के लिए शिलॉंग के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी जाना होगा और वहाँ से शिलॉंग 105 किलोमीटर पड़ता है फिर गुवाहाटी से आप टैक्सी कर सकते हैं |
हवाई मार्ग : अगर आप हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो आप शिलॉंग के सबसे नजदीक उमरोई एयरपोर्ट जा सकते हैं | और यदि मौसम ठीक नहीं है तो आप यात्रा करने से बचें क्योंकि इस दौरान मेघालय (Meghalaya) में सभी हवाई उड़ाने रद्द कर दी जाती हैं |
मेघालय कब जाना चाहिए ?
मेघालय (मेघों का घर ) जहाँ आपको घने बादल , साल भर बरसात ,झरने , नदियाँ , पहाड़ देखने को मिलते हैं और मेघालय घूमने का सही समय क्या है ये आपके ऊपर निर्भर करता है | यदि आपको बारिश , झरने ,घने बादल देखने पसंद हैं तो आपको बारिश के मौसम में आना पड़ेगा | और यदि आपको उमंगोट नदी का साफ़ पानी देखना हो , प्राकृतिक पूल में नहाना हो ,और अच्छी अच्छी फोटो खींचनी हो , नाव की सवारी करनी हो तो आप दिसम्बर से जनवरी के महीने में आ सकते हैं | बाकी तो आपको पता ही है ये मेघालय है यहाँ बारिश कब हो जाए कोई मालूम नहीं |
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मेघालय के टूरिस्ट प्लेस कौन से हैं ? | Meghalaya Tourist Places
मेघालय अपनी खूबसूरत वादियों , झरने के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और यहाँ ऐसे कई स्थान है जहाँ आप घूम सकते हैं और एन्जॉय कर सकते हैं |
शिलांग
मेघालय में पहाड़ों की ऊंचाइयों पर चढ़ के शहर को देखने का अलग ही मजा है। पहाड़ों पर से यहां के जंगलों की हरियाली तथा यहां के वाटर फॉल्स को देखना मन में उत्साह और रोमांच भर देता है। ऐसे दृश्यों के लिए शिलांग काफी प्रसिद्ध है। मेघालय आने वाले हर यात्री यहां आकर बदलो और यहां की प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाता है। मेघालय (Meghalaya) घूमने के लिए सबसे पहले आपको राजधानी शिलॉंग अवश्य घूमना चाहिए , क्योंकि शिलॉंग मेघालय की राजधानी होने के साथ साथ राज्य का सबसे बड़ा शहर भी है और यहाँ आप शॉपिंग , फोटोग्राफी और स्वादिष्ट भोजन का आनंद उठा सकते हैं |
एलीफेंट फॉल्स (Elephant falls)
मेघालय आने वालों में यहां के वाटर फॉल्स को देखने के लेकर बहुत उत्सुकता होती है। यहां स्थित एलीफेंट फॉल्स में तीन वाटर फॉल्स है। इन वाटर फॉल्स की सुंदरता यहां आने वाले लोगो को मंत्रमुग्ध कर देती है। यहां बोटिंग की भी सुविधा है। तस्वीरें खींचने के लिए यह एक परफेक्ट प्लेस है।
उमियम लेक (Umiam Lake)
यह मेघालय (Meghalaya) की सबसे खूबसूरत लेक है। ईस्ट खासी पहाड़ियों से घिरी यह लेक खूबसूरत हरियाली तथा मनोरम दृश्यों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस लेक में बोटिंग करते हुए आपको लगेगा की आप स्कॉटलैंड के किसी झील में बोटिंग कर रहे है। इस झील के किनारे पर लूम नेहरू पार्क है जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगाता है। यहां पर लोग बोटिंग, साइकिलिंग तथा स्कूटिंग करने आते है। इस झील की प्राकृतिक सुंदरता लोगो को मंत्रमुग्ध कर देती है। इन खूबसूरत स्थलाकृतियों के बीच तस्वीरे लेना भी लोगो को बहुत भाता है। शिलांग से उमियम लेक 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
लिविंग रूट ब्रिज (Living root bridge)
मेघालय जाने वाले लोग यहां की प्राकृतिक सुंदरता से आत्ममुग्ध हो जाते है। लिविंग रूट ब्रिज उनके आश्चर्य को और भी बढ़ा देती है । शिलांग से 78 किलोमीटर दूर स्थित सिंगल डेकर रूट ब्रिज प्रकृति का एक अद्भुत नमूना हैं। इसे दो रबर के पेड़ो के जड़ो को मिला के बनाया गया है। यह दो गांवों को जोड़ने का काम करता है। इस ब्रिज के नीचे एक छोटी से झील है। यह ब्रिज लगभग 150 साल पुराना हैं।और यह मेघालय (Meghalaya) के चेरापूँजी में स्थित है जहाँ विश्व में सबसे अधिक बारिश होती है |
उमंगोट नदी (Umngot River)
मेघालय की उमंगोट नदी (Umngot River) के क्रिस्टल क्लियर पानी को आपने तस्वीरों में तो देखा ही होगा। यह नदी भारत बांग्लादेश बॉर्डर पर स्थित है। हर दिन यहां पर्यटकों की भीड़ लगती है। इसके साफ और स्वच्छ पानी में बोटिंग करना एक बहुत ही खूबसूरत अनुभव दिलाता है। यह नदी मेघालय (Meghalaya) के Dwaki गांव के पास हैं। प्रकृति के इस अनुपम दृश्य से मन आत्मविभोर हो जाता हैं।
बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान
बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान मेघालय के गारो हिल्स में स्थित है और यह भारत और बांग्लादेश की सीमा पर 3000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है | जिसमें कई तरह के वन्यजीव प्राणी आपको देखने के लिए मिल जाएंगे |
मेघालय में कहाँ रुकें ?
यदि आप बादलों के घर ((Meghalaya) ) में घूमने जा रहे हैं तो आपको घूमने के बाद यदि आप शिलॉंग में कई रुकना चाहते हैं या फिर होटल बुक करना चाहते हैं तो आप वहाँ पर कम बजट में भी आराम से रुक सकते है | यहाँ पर होटल , रेस्टोरेंट , गेस्टहाउस आदि सभी उपलब्ध हैं आप चाहें तो कोई भी होटल , रेस्टोरेंट ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं और आपको ऑनलाइन बुकिंग पर काफी छूट भी मिल सकती है | अगर आप ऑनलाइन होटल बुक करना चाहते हैं तो Booking .com की मदद से कर सकते हैं |
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ये थे मेघालय के कुछ बहुत ही खूबसूरत और प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस। उम्मीद है आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। आप अपना अनुभव कॉमेंट कर के हमारे साथ शेयर कर सकते है।
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