हिमचाल प्रदेश में कई खूबसूरत पर्यटन स्थल और प्राचीन मंदिर है जो प्रदेश को और भी खूबसूरत बनाते हैं यहाँ पर लोग बर्फ की ऊँची ऊँची पहाड़ियाँ और प्राचीन मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं | आज हम आपको माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक नैना देवी (Naina Devi Mandir) के दर्शन कराने जा रहें है जो हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में पहाड़ों के बीच स्तिथ और भौगौलिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण मंदिर है | यह हिन्दुओं का एक पवित्र धाम है जहाँ नवरात्री के समय भारी संख्या में लोग माता के दर्शन के लिए एकत्रित होते हैं |
नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir Kahan hai)

माता नैना देवी का मंदिर(Naina Devi Mandir) हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में शिवालिक की पहाड़ियों के बीच स्तिथ है | हिन्दू धर्म में इस मंदिर को काफी भव्य और चमत्कारी माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहाँ से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा | धर्म ग्रंथो के अनुसार जब महाराजा दक्ष ने हवन करा था तो माता सती बिना बुलाए अपने पिता के घर पहुँच गई , भगवान शिव को अपना आराध्य मानने के कारण महाराज दक्ष ने उनकी बहुत आलोचना की और अपमानित भी किया और माता सती वही पर अग्नि को समर्पित हो गयी और भगवान् शिव उनकी शरीर को लेकर कई सालों तक भटकते रहे लेकिन भगवान् नारायण से यह देखा नहीं गया और उन्होंने अपने चक्र से माता सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए , और माता सती का जो भाग जहाँ पर गिरा वो शक्तिपीठ बन गया | नैना देवी में माता सती के नेत्र गिरे थे जिस वजह से इसका नाम नैना देवी पड़ा | और मंदिर में दो नेत्र नैना देवी माता को दर्शाते हैं |
यह मंदिर धार्मिक दृष्टि से नहीं बल्कि भौगोलिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है यहाँ पर साल भर भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्रे के दिनों में यहाँ लोगो की जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है क्योंकि यहाँ पर नवरात्रे बड़ी धूम धाम से मनाए जाते हैं | मंदिर के अंदर माता नैना देवी के साथ श्री गणेश और माँ काली की मूर्तियाँ हैं |
नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) के दर्शन कैसे करें |
अगर आप माता सती के नैना देवी के दर्शन करना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप नैना देवी के दर्शन कैसे कर सकते हैं और आपको नैना देवी मंदिर में क्या ख़ास देखने को मिल सकता है |
हिन्दू धर्म में शक्तिपीठ की बहुत मान्यता है और उनमें से एक है नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) , जो कि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्तिथ है | यहाँ पर नवरात्रे का त्योहार बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है | मंदिर के प्रवेश द्वार पर आपको पीपल का एक बड़ा और घना पेड़ देखने को मिलता है | और मंदिर में प्रवेश करते ही आपको नैना देवी के साथ श्री गणेश और माँ काली की मूर्ति भी लगी हुई है |
नैना देवी मंदिर एक पहाड़ी पर स्तिथ एक पवित्र धाम है यहाँ पर जाने के लिए आपको घुमावदार सड़क से होकर जाना पड़ता है और अगर आप पैदल यात्रा नहीं कर सकते तो उड़नखटोले की भी व्यवस्था यहाँ पर की गई है | जिससे आप 5 मिनट में जा सकते हैं | आप नैना देवी के दर्शन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक कर सकते हैं | नवरात्रे के दिनों में यहाँ विशाल मेले का आयोजन किया जाता है और मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए रोप एवं पालकी का इंतजाम किया जाता है ताकि सभी भक्त आसानी से माता के दर्शन कर सकें |
नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) कैसे पहुँचे ?
अगर आपको माता नैना देवी का दर्शन करने का मन है तो आपको यह भी जरूर पता होना चाहिए कि हम नैना देवी मंदिर कैसे पहुँच सकते है | और जो भी मार्ग आपको सुविधाजनक लगे उससे आप अपनी यात्रा मनोरंजक बना सकते हैं |
वायु मार्ग :अगर आप हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो आपको चंडीगढ़ एयरपोर्ट तक ही यात्रा तय करनी होगी और उसके बाद मंदिर तक पहुँचने के लिए आप बस या कार की मदद ले सकते हैं |
रेल मार्ग :रेल मार्ग से आप पालमपुर , चडीगढ़ या फिर आनंदपुर साहिब तक की यात्रा कर सकते हैं क्योंकि चंडीगढ़ नेशनल हाइवे से जुड़ा हुआ है | और उसके बाद बस या फिर टैक्सी के माध्यम से नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) तक पहुँच सकते हैं | आनंदपुर साहिब से नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) 25 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है |
सड़क मार्ग : सड़क मार्ग से आप बस और अपने वाहन से जा सकते हैं , दिल्ली से नैना देवी की कुल दुरी 350 KM है रास्ते एकदम पक्के हैं और सभी सुविधाओं से युक्त है |
नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) कब जाएँ ?
अगर बात करें की आप नैना देवी मंदिर कब जाएं तो आपको नवरात्रे के समय में मंदिर अवश्य जाना चाहिए | क्योंकि यहाँ पर नवरात्रे बड़ी ही धूम धाम से मनाए जाते हैं और माता की रोप व् पालकी भी निकाली जाती है ताकि मंदिर में आए सभी भक्त माता के दर्शन कर सकें | और आप यहाँ पर माता के दर्शन करने के साथ साथ हिमाचल प्रदेश की ऊँची ऊँची पहाड़ियों का मज़ा ले सकते हैं और अपनी यात्रा को और भी मनोरंजक बना सकते हैं | अगर आप नवरात्रे के उत्सव में शामिल होना चाहते हैं तो आप अक्टूबर नवंबर में मंदिर की यात्रा कर सकते हैं और अपने साथ सर्दी के कपडे ले जाना न भूलें |और आप माता के दर्शन करने के बाद हिमाचल प्रदेश के व्यजनों का मज़ा ले सकते हैं 5 ऐसे व्यंजन जो हिमाचल प्रदेश की शान हैं |
नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) के आसपास के दर्शनीय स्थल
अगर आप नैना देवी के दर्शन करने के बाद उसके आसपास के धार्मिक स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं तो हम उन सभी जगहों के बारे में आपको बता रहे हैं |इनमें से कई जगह ऐसी हैं जो नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) के आसपास ही स्तिथ हैं जैसे नैना देवी गुफा (Naina Devi Gufa) ,लक्ष्मी नारायण मंदिर आदि|
भांगड़ा नागल बांध

भांगड़ा नागल बांध हिमाचल प्रदेश बिलासपुर में सतलुज नदी पर बना देश का सबसे लंबा बांध है जिसे 1963 में देश को समर्पित किया गया था | इस बांध से 1325 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है | और यह बड़ी मात्रा में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है | इसके माध्यम से ही पंजाब , हिमाचल प्रदेश , और हरियाणा में बिजली की आपूर्ति की जाती है |
कोल डैम

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में बना कोल डैम भारत का चौथे नंबर का सबसे ऊँचा बांध है| और यह सतलुज नदी पर बना है और यह बिलासपुर से 18 किलो मीटर की दुरी पर स्थित है | और यह बांध 800 मेगावाट तक बिजली उत्पन कर सकता है | और प्राकृतिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण और रोमांचक जगह है | अगर आप नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir)के दर्शन करने गए हैं तो यहाँ पर भी घूमने अवश्य जाएँ |
लक्ष्मी नारायण मंदिर

लक्ष्मी नारायण मंदिर बिलासपुर हिमाचल प्रदेश का एक प्राचीन एवं मशहूर मंदिर है यह मंदिर माता लक्ष्मी और भगवान् नारायण को समर्पित है | इस मंदिर में एक तरफ शिवलिंग और दूसरी तरफ माँ दुर्गा की मूर्ति स्थापित है | साल भर भक्त माता के दर्शन के लिए यहाँ आते रहते हैं और यह काफी शानदार मंदिर है जो कि बिलासपुर बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पर है |अगर आप इनके अलावा हिमाचल में कहीं और घूमना चाहते हैं तो आप मणिकर्ण और डलहौज़ी भी घूम सकते हैं |
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नैना देवी गुफा (Naina Devi Gufa)

जैसे ही आप नैना देवी के दर्शन करने के बाद नीचे की तरफ आएंगे तो आपको एक गुफा दिखाई देगी जो कि 70 फुट लम्बी है और गुफा में नैना देवी की मूर्ति भी स्थापित है आपको मंदिर के बाद गुफा (Naina Devi Gufa) के दर्शन अवश्य करने चाहिए |
कृपाली कुंड (Naina Devi Mandir)

कृपाली कुंड के पीछे एक मान्यता है कि जब माता नैना देवी ने महिषासुर को मार गिराया और मारने के बाद क्रोध में उसकी दोनों आँखे निकालकर नैना देवी की पहाड़ी के पीछे फेंक दी | और वहां पर बावड़ियाँ उत्पन्न हो गई और वहां पर नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) की स्थापना हो गयी | और यह मंदिर से 2 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है |
आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा

आनंदपुर साहिब सिखों का एक पवित्र धाम है और लाखों की संख्या में लोग गुरूद्वारे के दर्शन के लिए यहाँ आते रहते हैं | आनंदपुर साहिब की स्थापना सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर जी द्वारा सन 1664 में कर दी गयी | यहाँ गुरु गोविन्द सिंह जी ने सन 1699 में खालसा पंथ की स्थापना भी की थी | आपसे मेरा यही निवेदन है कि अगर आप नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) दर्शन करके वापस आएं तो आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा अवश्य जाएँ |
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