वाराणसी (दीपों का शहर) उत्तर प्रदेश में स्तिथ एक अद्भुत नगर है जिसे भगवान शिव की नगरी भी कहा जाता है | और यहाँ पर भोलेनाथ अपने भक्तों को मोक्ष प्रदान करते हैं |
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय जिसे अब BHU (बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी ) कहा जाता है इसकी स्थापना मदन मोहन मालवीय ने सन 1916 में की थी |
सारनाथ वो स्थान जहाँ महात्मा बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया और बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थों में से एक वाराणसी (Varanasi) में स्थापित किया |
वाराणसी कैंट (Varanasi) से मात्र 05 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मंदिर को “लाल मंदिर” और “दुर्गा कुंड” के नाम से जाना जाता है |
अस्सी घाट जो बहुत प्राचीन होने के साथ साथ गंगा आरती के लिए भी प्रसिद्द है और नाव में बैठकर गंगा आरती का आनंद उठा सकते हैं |
भगवान शिव को समर्पित उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर हिंदुओं के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है और देश में स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है |
संकट मोचन हनुमान मंदिर हिंदुओं के पवित्र मंदिरों में से एक है और यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) क्षेत्र में स्थित है |
दशाश्वमेध घाट वाराणसी (Varanasi) में गंगा नदी के तट पर स्थित एक धार्मिक स्थान है जहाँ पर शाम के समय गंगा आरती होती है और लोग गंगा स्नान भी करते हैं |
वाराणसी जाने का वैसे तो कोई भी समय उचित है लेकिन वाराणसी जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और नवंबर होता है| दशहरे और दीपावली के समय यहाँ का नज़ारा अधिक खूबसूरत होता है |
वाराणसी (Varanasi) को ही “काशी” और “ बनारस” कहा जाता है |
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