Khajuraho ( खजुराहो )

Khajuraho मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है।अपनी प्राचीन व विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर मुख्यता हिंदू और जैन मंदिर है। खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिर अत्यंत ही मनमोहक है। इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। यह मंदिर पत्थरों से बने होते हैं। इसकी अलंकृत मंदिरों के वजह से ज्यादा जाना जाता है। दो कि देश के सबसे अच्छे मध्यकालीन स्मारक है। भारत के अलावा दुनिया भर से पर्यटक यहां की खूबसूरती देखने आते हैं। यहां का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है। यह शहर चंदेल साम्राज्य की पहली राजधानी है। यह स्थान धार्मिक आस्था से जुड़े हुए लोगों को बेहद प्रभावित करती है। यहां घूमने का सबसे सही महीना अक्टूबर से मार्च है।
Khajuraho कैसे पहुंचे ?
वहां जाने के लिए बस ट्रेन और हवाई जहाज यात्रा कर सकते हैं।
दिल्ली से खजुराहो कैसे पहुंचे ?
रेलवे यात्रा-खजुराहो जाने के लिए ट्रेन हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से मिलती है। निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन दिल्ली मेट्रो से कनेक्टेड है। आप मेट्रो से आसानी से रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं। खजुराहो जाने के लिए ट्रेन जो कि संपर्क क्रांति है। डिपार्चर टाइम एट 08 to 10 पीएम है। खजुराहो पहुंचने का समय है 06:30am है। खजुराहो रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही बहुत सारे ऑटो वाले आप को दिखेंगे। रेलवे स्टेशन से खजुराहो जाने का किराया 80 से ₹100 है।
Khajuraho में कहाँ रुकें ?
खजुराहो मंदिर से 100 मीटर की दूरी पर आपको होटल सुविधा भी आसानी से मिल जाएगी। जहां पर आप अपने सामान सहित खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। आप अपना होटल booking.com से बुक कर सकते हैं। चीप प्राइस में।
Khajuraho में कहां-कहां घूमे ?
कंदरिया महादेव-राहों में चंदेल राजाओं ने करीब85 मंदिरों का निर्माण कराया। जिनमें 22 मंदिर दुनिया के महान कलात्मक आश्चर्यों का अनुपम उदाहरण है। सबसे प्रमुख कंदरिया महादेव मंदिर है। इसकी ऊंचाई 31 मीटर और यह भगवान शिव को समर्पित है। इसे कंदरिया मंदिर इसलिए कहते हैं क्योंकि कंदे र का मतलब होता है गुफा जैसे ही आप इस मंदिर के अंदर जाएंगे जैसे लगेगा कि आप एक गुफा के अंदर जा रहे हैं। इसकी बाहरी दीवारों पर भी शिल्प कला कृतियों को बड़ी उदगीर ताशे उतारा गया था। बाहरी दीवारों पर ऊपर से नीचे तक तीन मूर्तियां कामसूत्र की सुंदर उदाहरण थी। इन मूर्तियों में आलिंगन चुंबन और सेक्स को काफी बोल्ड रूप में दिखाया गया था। खासकर 3स्त्रियों के साथ एक पुरुष का संभोग अवर्णनीय है।इसके अलावा आपको मणिकर्ण और अल्मोड़ा की यात्रा पर भी जरूर जाना चाहिए यहाँ भी आपको बहुत ही सुंदर स्थल देखने को मिलते हैं |
लक्ष्मणा मंदिर

यह मंदिर भगवान को समर्पित था। पंचायतन शैली में बने इस मंदिर की बाहरी दीवारों पर असंख्य मूर्तियां उत्कीर्ण थी। जिसकी बोल्ड बना जिसकी बोल्ड बनावट चंदेल राजाओं की असाधारण शिल्प कुशलता और उनकी समझ का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। मुख्यतः तीन कतारों में बटी इन मूर्तियों में कुछ छोटी कुछ बड़ी तो कुछ उससे भी बड़ी मूर्तियां हैं। जिनमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। अन्य मूर्तियों में काम उत्तेजना का अद्भुत शिल्प है। जो आश्चर्यचकित कर देने वाली हैं। जिससे यह पता चलता है कि काम क्रोध उत्तेजना वासना यह सारे बाहरी आडंबर है। इन मूर्तियों को देखने के बाद ऐसा लगता है कि चंदेल ओके समाज में महिलाओं की एक खास जगह रही होगी।खजुराहो का बहुत ही पुराना मंदिर है। यह मंदिर पश्चिमी खजुराहो (Khajuraho) में स्थित है। इस मंदिर का नाम उस समय के साधक के नाम पर पड़ा है। इस मंदिर के द्वार पर ब्रह्मा विष्णु महेश की मूर्ति विराजमान है।
चित्रगुप्त मंदिर (Khajuraho Mandir)

यहां की दीवारों पर जनजीवन एवं श्रमिक को दर्शाया गया है। आलिंगन के विभिन्न रूपों को उत्कृ ड किया गया है तथा गर्भगृह में भगवान शिव की प्रतिमा विराजमान है। बगल मैं चित्रगुप्त जी लेखनी कर रहे हैं।
दुलादेव मंदिर (Khajuraho Mandir)

एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ पार्वती की एक अद्भुत प्रतिमा स्थित है। यह मंदिर नारियों अप्सराओं की सुंदर प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।
रनेश फॉल्स

यह पर्यटकों के लिए रोमांचनि पर्यटक स्थल है। मानसून के समय में यह झरना अत्यंत ही सुंदर लगता है। यहां की सुंदरता सिर्फ झरना ही नहीं चट्टाने भी हैं। इन चट्टानों को देख कर के ऐसा लगता है मानो चट्टानों को ऊपर से काट दिया गया हो।
जवारी मंदिर (Khajuraho Mandir)

जवारी मंदिर खजुराहो (Khajuraho) में आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर अपनी कठिन बनावट के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का नाम यहां की जमीन के मालिक के नाम पर रखा गया था।
पन्ना नेशनल पार्क

अगर आप जंगली जानवरों को देखने के लिए काफी उत्सुक है तो पन्ना नेशनल पार्क जरूर घूमे। प्रकृति ने जितना सुंदर इस जगह को बनाया है उस में चार चांद लगाने के लिए यह पाक एक सितारे की तरह है।यह स्थान बहुत ही खूबसूरत है यहां आपको तेंदुए बाघ जिराफ लकड़बग्घा आदि जानवर देखने को मिलते हैं। लकड़बग्घा को देखकर मानो ऐसा प्रतीत होता है ऐसे लकड़बग्घा की सिंह आकाश की ऊंचाइयों को छूने के लिए बेताब हो। इस पार्क में केन नदी भी है जिसमें बैठकर आप पूरे पार्क का आनंद उठा सकते हैं।
पार्श्वनाथ मंदिर (Khajuraho Mandir)

प्रमुख जैन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर खजुराहो के छतरपुर जिले में स्थित है। यह मंदिर आदिनाथ को भी समर्पित है। आदिनाथ भारतीय सभ्यता संस्कृति के प्राचीन देवता माने जाते हैं। यह मंदिर जैन धर्म के बारे में बताता है।
मतंगेश्वर मंदिर

यह मंदिर खजुराहो के पश्चिमी मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में बहुत ही अद्भुत और बड़ा शिवलिंग स्थित है। यह मंदिर भक्तों के बीच काफी ही लोकप्रिय मंदिर है। हिंदू धर्म में आदि काल से ही भगवान शिव की पूजा पूजनीय रही है।
बेनीसागर बांध

यह बांध खजुराहो शहर के बाहरी इलाके में स्थित है। यह बांध खुदारी नदी पर बनाया गया है। इसके आसपास का वातावरण मन को शांति पहुंचाता है। यह पिकनिक स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है। यहां का वातावरण अत्यंत ही लुभावनी है।
खुजराहो (Khajuraho) के प्रसिद्ध भोजन
यहां आपको खाने पीने की सुविधा भी आसानी से उपलब्ध है। आपको लंच डिनर ब्रेकफास्ट इन सबके लिए आसानी से खाने पीने की चीजें मिल जाएंगी। यहां भोजन से संबंधित कोई समस्या नहीं है। यहां के भोजन आपकी यात्रा को आनंदित और मंगलमय बनाती है।
खुजराहो (Khajuraho) की खरीददारी
आप यहां से खरीदारी भी कर सकते हैं। वह भी अच्छे और सस्ते दामों में। आप यहां बारगेनिंग भी करा सकते हैं। यहां का सबसे प्रसिद्ध हीरा और पन्ना है।
यहां की मंदिरों की कई रहस्यमई कहानियां जुडी है। आप यहां जब भी घूमने जाएं तो एक गाइडर जरूर अपने साथ रखें। ताकि वह यहां के रहस्य से जुड़ी हर एक बात आपको बता सके। क्योंकि आप उस शहर और जगह के लिए बिल्कुल अनजान होते हैं। ऐसे में एक गाइडर का हेल्प बहुत जरूरी होता है। जो आपकी हर एक गुत्थी को सुलझा सके।