मणि महेश की कथा

हिन्दू धर्म में शिव भक्तों की संख्या अपार है और देवों के देव महादेव के दर्शन करने के लिए भक्त किसी भी मुसीबत को पार कर सकता है | भारत जैसे पवित्र देश में भगवान शिव के अनेक तीर्थ स्थान हैं लेकिन उनमें से मणि महेश (Manimahesh) की यात्रा सबसे जटिल यात्राओं में शुमार है | कहा जाता है कि भगवान शिव ने कई वर्षों तक यहाँ  पर  घोर तपस्या की थी और इस जगह को मणि महेश के रूप में स्थापित किया था | इस विश्वप्रसिद्ध झील के दर्शन करने पूरे भारत से लाखों श्रद्धालु शिव के मणि रूप के दर्शन के लिए आते हैं |

यह झील 13500 फ़ीट की ऊंचाई पर पहाड़ों के बीच स्थित है और यह किसी भी अचंभे से कम नहीं है | मणि महेश झील की रचना किसने की इसके बारे में कई तरह की कहानियाँ हैं उन्हीं में से एक हम आपको बता रहे हैं |  कहा जाता है की भगवान शिव ने माता पार्वती से शादी करने के पश्चात मणि महेश झील की रचना की , जिन्हे माता गिरजा के रूप में पूजा जाता है |

मणि महेश की यात्रा – Manimahesh Yatra in Hindi

Manimahesh

मणि महेश (जिसे मणि महेश झील ) भी कहा जाता है यह पवित्र स्थान हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में मणि महेश (Manimahesh) कैलाश तक़रीबन 13,500 की ऊँचाई पर विराजमान है | इस झील का  हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्त्व है |

भाद्र के महीने (अगस्त से सितम्बर ) में अमावस्या के आठवें  दिन मणि महेश झील पर एक बहुत ही विशाल मेले का आयोजन  किया जाता है | सात दिनों तक इस मेले का आयोजन किया जाता है और जन्मास्टमी के दिन यह मेला  सम्पन होता है | भगवान भोले नाथ को समर्पित इस मेले में लाखों श्रद्धालु इस पवित्र झील  में स्नान करते हैं और अपनी इच्छा भगवान से जगजाहिर करते हैं | इस पवित्र झील की परिक्रमा तीन बार करनी पड़ती है और उससे पहले आपको भगवान शिव की संगमरमर  से बनी चौमुख वाली मूर्ति की पूजा अर्चना करनी पड़ती है |

मणि महेश कैलाश की यात्रा बहुत ही रोमांचक ,और कठिनाइयों से भरपूर हैं जगह जगह आपको रास्ते में ग्लेशियर , बर्फीले मैदान देखने को मिलेंगे | मणि महेश झील प्राकृतिक सौंदर्य का  अनूठा  उपहार है | स्थानीय लोगों का कहना है कि मणि महेश (Manimahesh) उनकी रक्षा करते हैं इसलिए स्थानीय लोगों के तन और मन में मणि महेश  के प्रति अपार श्रद्धा और विश्वास है |

मणि महेश की यात्रा को और सुगम बनाने के लिए वहां के स्थानीय निवासी (गद्दी ) जो  भगवान शिव को अपना  ईष्ट देवता मानते हैं और यह अपनी भेड़ों  के साथ पहाड़ों पर चढ़ाई करते हैं  और मणि महेश तक जाने वाले रास्ते को साफ सफाई करते हैं | कैलाश चोटी के नीचे एक बहुत बड़ा मैदान है जो कि भगवान शिव के क्रीड़ा स्थल  ‘शिव के चौगान’ के रूप में उपस्थित है | कहा जाता है कि भगवान शिव और पार्वती माता यहीं पर क्रीड़ा करते हैं |

मणि महेश झील घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है ?

Mani Mahesh

अगर आप रोमांच से भरपूर यात्रा करने के शौक़ीन हैं तो यक़ीनन यह यात्रा आपके लिए और भी रोमांचकारी साबित होगी | क्योंकि यहाँ पर आपको भारी बर्फ़बारी , ग्लेशियर , ग़हरी खाई  और ऊँचे नीचे पहाड़ों के बीच में से जाना होगा | अगर आप सिर्फ मणि महेश (Manimahesh) के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो भाद्र के महीने में जा सकते हैं |

इस समय यहाँ पर एक मेले का आयोजन किया जाता है और आनंद से भरपूर इन पहाड़ों के बीच शांति का  एहसास होता है | वैसे तो आप अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक किसी भी समय मणि महेश के दर्शन करने आ सकते हैं | लेकिन नवंबर से  मार्च तक यहाँ भारी बर्फ़बारी होती है और मौसम भी हर पांच मिनट में बदल  जाता है | अगस्त से सितम्बर तक में लाखों श्रद्धालु मणि महेश के दर्शन के लिए आते हैं इसलिए अगस्त से सितम्बर का महीने में मणि महेश(Manimahesh) की यात्रा करना शुभ माना जाता है |

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मणि महेश कैलाश यात्रा ट्रेक पर सावधानियां

अगर आप मणि महेश की यात्रा करने जा रहे हैं तो मैं आपका दोस्त आपको कुछ छोटी सी टिप्स देना चाहूँगा | मणि महेश की यात्रा करते समय हमें किन बातों का ख़ास ख़्याल रखना चाहिए वो सब बातें मेरे द्वारा नीचे बताई गयी हैं |

  • मणि महेश ट्रेक पर जाने से पहले अपने स्वस्थ की संपूर्ण जाँच जरूर करवाएँ ताकि आपको ट्रैकिंग करने में किसी भी शारीरिक परेशानी का सामना न करना पड़े |
  • मणिमहेश मेले में श्रद्धालुओं की भरी भीड़ होती है इसलिए मेले के दौरान अपना और अपने साथ वालों का अवश्य ध्यान रखें और सावधान रहें |
  • मणि महेश (Manimahesh) की यात्रा करने के लिए आप गर्म कपडे और कुछ जरुरी सामान जरूर साथ में रख लें |
  • मणि महेश के ट्रेक पर चलने से पहले अपना ट्रैकिंग का जरुरी सामान चेक कर ले क्योंकि यहाँ पर कब बर्फ़बारी हो जाए कोई पता नहीं जिस कारण ट्रैकिंग और मुश्किल हो सकती है |
  • कभी भी अकेले ट्रेक पर न जाएँ , अपने साथ में एक ट्रेकर गाइड को जरूर साथ ले जाएँ |
  • ट्रैकिंग के नियमों का पालन करें |
  • मणि महेश (Manimahesh) से आप रात के समय कैपिंग भी कर सकते हैं |
  • अपने साथ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ( मोबाइल /पावर बैंक / कैमरा /गिम्ब्ल )आदि जरूर साथ ले जाएँ | अगर आपके पास ये गैजेट नहीं हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आसानी से खरीद सकते हैं |

मणि महेश झील कैसे पहुँचे ?

मैंने आपको पुरे आर्टिकल में यह बता दिया की मणि महेश क्या है , कहाँ पर स्थित है  | लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब ये है की वहाँ तक कैसे जाएँ | तो चलिए जानते हैं की मणि महेश (Manimahesh) हम कैसे जा सकते है और कैसे मणि महेश झील के दर्शन कर सकते हैं |  मणि महेश की यात्रा चम्बा से शुरू होती है तो आपको  चम्बा तक पहुंचना होग और फिर चंबा के बाद आपको भरमौर तक के लिए टैक्सी या फिर कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट अवश्य मिल जाएगी | आप मणि महेश तीन तरीकों से जा सकते हैं ; सड़क मार्ग, रेल मार्ग , और वायु मार्ग |

सड़क मार्ग : अगर आप सड़क मार्ग से मणि महेश जाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले पठानकोट पहुँचना होगा और उसके बाद वहाँ से आपको चंबा के लिए आसानी से बस मिल जाएगी | और अगर आप सही समय पर मणि महेश (Manimahesh) जा रहे  हैं तो आपको चंबा से भरमौर तक के लिए भी कोई न कोई सवारी अवश्य मिल जाएगी |

रेल मार्ग : अगर आप ट्रैन में यात्रा करने के शौक़ीन हैं तो आप ट्रैन से भी मणि महेश तक जा सकते हैं | मणि महेश के सबसे नजदीक पठानकोट रेलवे स्टेशन ही है जहाँ पर आपको जाना होगा और फिर वहां से चंबा के लिए बसें चलती हैं |

वायु मार्ग : अगर आप वायु मार्ग से मणि महेश (Manimahesh) जाना चाहते हैं तो आप गग्गल एयरपोर्ट उतर सकते हैं | क्योंकि यह एयरपोर्ट भरमौर से मात्र 176 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | आप किसी भी टैक्सी या फिर किसी परिवहन  से गग्गल एयरपोर्ट से भरमौर तक जा सकते हैं |

मणि महेश यात्रा 2022 कब से कब  तक होगी ?

मणि महेश (Manimahesh) यात्रा 2022 19 अगस्त से 2 सितम्बर तक चलेगी , लेकिन भरमौर और चंबा में भारी बारिश और बादल फट जाने के कारण रास्ता पूरी तरह क्षतिग्रस्त था  और आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी |  इसलिए प्रशासन ने दो दिन के लिए यात्रा पर रोक लगा दी थी , लेकिन आज से यात्रा फिर प्रारंभ कर दी गयी है | अगर आपको यात्रा पर जाना है तो चंबा प्रशासन ने यात्रियों के लिए निःशुल्क पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है | निःशुल्क यात्रा पंजीकरण के लिए आप manimaheshyatra.hp . gov .in  पर जा सकते हैं |

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